कभी नयनों में आते थे, सपनों की तरह, अब जीवन नैया में हो ,पतवार की तरह। कभी नयनों में आते थे, सपनों की तरह, अब जीवन नैया में हो ,पतवार की तरह।
गुलज़ार होना कहाँ मुश्क़िल है... गुलज़ार होना कहाँ मुश्क़िल है...
साथ नहीं देता है,अब कोई पैसा नहीं देता है,अब कोई। साथ नहीं देता है,अब कोई पैसा नहीं देता है,अब कोई।
आज मैंने मन की ऊँगली पकड़ कर और मन ने मेरी ऊँगली पकड़ उधर गए जहाँ डर की बंदिशें थीं ... आज मैंने मन की ऊँगली पकड़ कर और मन ने मेरी ऊँगली पकड़ उधर गए जहाँ डर की...
तेरी जुदाई तो मुझसे सहन नहीं होगी, मेरे हिस्से का ग़म मुझे सहने दे मनमीत तेरी जुदाई तो मुझसे सहन नहीं होगी, मेरे हिस्से का ग़म मुझे सहने दे मनमीत
ना कोई बेरंग रहे इस होली। ना कोई बेरंग रहे इस होली।